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George Floyd Death: अमेरिकी पुलिस की 'पुरानी' बर्बरता, इसलिए 'I Can't Breathe' से गुस्से में हैं लोग अमेरिका में सड़कों पर कोहराम, 25 शहरों में लगा कर्फ्यू; इन 3 शब्दों ने लगाई लाग

George Floyd Death: अमेरिका के मिनियापोलिस में (Minneapolis Violence) पुलिस हिरासत में George Floyd की मौत के बाद प्रदर्शनकारी 'I Can't Breathe' के स्लोगन के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब पुलिस के शिंकजे में किसी अश्वेत की मौत इस तरह दम घुटने से हुई हो।


अमेरिका के मिनेसोटा के मिनियापोलिस में पुलिस के हाथों मारे गए George Floyd को इंसाफ दिलाने की मांग के साथ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं तो कहीं गुस्सा उबलकर आगजनी का रूप ले चुका है। इस सब के बीच एक स्लोगन ज्यादातर लोगों के हाथों में प्लाकार्ड्स में देखा जा रहा है- 'I can't breathe' यानी 'मुझे सांस नहीं आ रही है'। George ने पुलिस ऑफिसर Derek Chauvin से अपने आखिरी वक्त में कम से कम 7 बार यही गुहार लगाई थी लेकिन Derek ने उन्हें छोड़ा नहीं। लोगों में गुस्सा इस अमानवीय घटना पर इसलिए भी ज्यादा उबल रहा है क्योंकि करीब 6 साल पहले ऐसा ही कुछ Eric Garner के साथ हुआ था। उनकी जान भी ऐसे ही पुलिस के हाथों में दम घुटने से गई थी। Eric ने कम से कम 11 बार ऑफिसर से यह कहा था लेकिन उनकी भी जान नहीं बची। यहां देखें, पूरी कहानी...


आज शुरुआत करेंगे एक इंसान के अपने आख़िरी पलों में कहे एक वाक्य से. वो वाक्य, जो उसने एक पुलिस अफ़सर द्वारा अपना दम घोंटे जाते वक़्त कहा था. वो वाक्य, जिसके तीन शब्द उसके जीवन के आख़िरी तीन शब्द बन गए. ये तीन शब्द आपको 244 साल पहले आज़ाद हुए एक देश का ऐसा कुरूप चेहरा दिखाते हैं जो उसके दावों से उलट न तो महान है और न गौरवशाली. बल्कि इनसे उलट ये तीन शब्द आपको दुनिया के सबसे महान कहे जाने वाले लोकतंत्र के उन 401 सालों का इतिहास बताता है, जो अमानवीयता और दोहरे मानकों से पटा पड़ा है.

क्या थे ये तीन शब्द?
ये तीन शब्द थे- आई कान्ट ब्रीद. माने, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. इसे कहने वाले का नाम था, एरिक गार्नर. उम्र, 43 साल. रिहाइश, न्यू यॉर्क. एरिक को अस्थमा की परेशानी थी. इतनी कि उन्हें बागवानी विभाग की अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी. वो चलते-चलते खांस उठते थे. कुछ कदम चलने में उनकी सांस फूल जाती थी. एरिक का पुलिस से ख़ूब पाला पड़ता था. करीब 30 बार अरेस्ट हो चुके थे वो. क्यों अरेस्ट हुए थे? इसलिए हुए थे कि पुलिस कहती थी, वो टैक्स बचाने के मकसद से खुली सिगरेट बेचते हैं. एरिक का कहना था कि पुलिस उनका शोषण करती है. 2007 में एरिक ने पुलिस विभाग की शिकायत भी की थी कोर्ट में. इस शिकायत के मुताबिक, पुलिस के एक अधिकारी ने सड़क पर उनकी तलाशी ली. तलाशी के बहाने बीच सड़क पर उनके मलाशय में उंगली डाली.

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